यह खबर पढ़कर आप हैरान होने वाले हैं और अगर आप बेरोजगार हैं तो खुद को ठगा हुआ भी महसूस कर सकते हैं . खबर जुड़ी है रेलवे की परीक्षाओं से . भारतीय रेलवे युवाओं को सरकारी नौकरियां देने का एक बड़ा साधन रहा है. हार साल लाखों की संख्या में युवा वर्ग सरकारी नौकरियों की तैयारी करता है जिनमें रेलवे की नौकरियां भी शामिल होती हैं . लेकिन पिछले कुछ वर्षों में सरकारी नौकरियां न के बराबर मिल रही हैं . रेलवे भी अपने युवाओं को नौकरियां देने में फेल हुआ है . मगर क्या आप जानते हैं कि रेलवे ने परीक्षाओं के नाम पर युवाओं से कितनी वसूली की है ? जवाब है 9 अरब रूपए .

जी हाँ , बेरोजगारों से एग्जाम के नाम पर रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) ने 2017 – 18 में 900 करोड़ रूपए कमाए हैं. 2013 – 14 में यही कमाई मात्र 9 करोड़ हुआ करती थी . भर्ती परीक्षाओं के फ़ीस के नाम पर रेलवे मोटी रकम वसूल रहा है . 2013 में परीक्षा फ़ीस 60 रूपए हुआ करती थी पर 2016 में इसे 500 कर दिया गया . इसमें एक शर्त रखी गई कि जो परीक्षा में शामिल होंगे उनको 400 वापस कर दिया जायेगा , जो शामिल नहीं होंगे उनकी फ़ीस वापस नहीं की जाएगी . साल – दर – साल बोर्ड ने एग्जाम फ़ीस को बढाया है . 2015 तक SC – ST और महिला उम्मीदवारों से फ़ीस नहीं ली जाती थी लेकिन 2018 से इन्हें भी 250 रूपए फ़ीस देने पड़ रहे हैं .

इसी न्यूज़ को शेयर करते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर सरकार को घेरा है . उन्होंने ट्वीट में लिखा – “रेलवे भर्ती बोर्ड की फीस 2013 तक 60 रुपए थी। भाजपा सरकार ने बढ़ाकर उसे 2016 में 500 रुपए कर दिया। बेरोजगारों से भर्ती के नाम पर रेलवे भर्ती बोर्ड 900 करोड़ रुपए वसूल चुका है। लेकिन रोजगार कितना मिला? युवाओं से जो हर साल 2 करोड़ रोजगार का वादा किया गया था वो कितना पूरा हुआ ?”